Thursday 10 December 2015

गौरांग

जब हमारे अधिकांश देवता काले हैं सावली सलोनी सुन्दर माना जाता है
फिर गोरेपन की क्रिम क्यों बिकती है

Tuesday 8 December 2015

अंधत्व

चुनने के अधिकार के चलते
चुनते हैं अंधत्व को क्योकि
आखें और विवेक कष्ट देते हैं

नाम

क्यों लडकियों का नाम छिन जाता है
पुरुष महापुरुष बनते हैं
महिलाएं महामहिला क्यों नही बनती
अब तो 1000 पर 800 ही बच गई है

Monday 7 December 2015

माँ का प्यार

शेरनी के दो नन्हें शावक, दलदली तालाब के उस पार,
मगरमच्छ उनकी ताक में, शावकों की करूण पुकार,
जमीन की बादशाह शेरनी, डरी हुई, सहमी  हुई  मां
बीच में  पानी,  दलदल, मगरमच्छ, मां झिझकते हुए ,
डरते हुए, बच्चों की पुकार पर कुद परती है, पानी में,
मगरमच्छ से आगे निकल, मुहं में दबा एक बच्चे को
दूसरे को नहीं उठा पाती ,,,,

फैज

दिल नाउम्मीद तो नहीं, नाकाम  ही तो है,
लम्बी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है

अदम

दिल खुश हुआ है मस्जिदें वीरान देखकर
चलो मेरी तरह खुदा का खाना खराब है

पेड

ताउम्र जो पहलु में रहा अजनबी निकाला
जिस पेड को पानी दिया बबुल निकाला